ठेस
जिन की ख़ातिर
मैं मरा, मिले उन्हीं से शूल |
चन्दन अपने पास
रख, मुझ को दिये बबूल ||
गर्व सदा जिन पर
किया ,धन माया को जोड़|
वे ही
कांधे पर तुझे , आये मरघट छोड़||
उम्मीद
पिया मिलन की आश
में, मन ज्वाला बरसाय|
पल पल बीता जा
रहा, उमर न ढहती जाय||
सौंदर्य
लरजत फरकत होंठ
हैं ,तिरछी नजर कटार|
ओंठ दाँत से
चाबती, गाल हुवे अंगार||
आश्चर्य
संसद पारित हो
गई,ऐसी ही तरकीब|
दौलत अपनी बाँट
के, नेता हुए गरीब||
हास्य व्यंग्य
इम्तहान की
कापियाँ ,ली गइयन ने खाय|
गुरुजी गोबर
देखकर , नम्बर रहा बनाय ||
विरोधाभास
गरम चाय को फूंक
लो, ठंडी वो हो जाय|
धुँवा परत अंगार
को, फूंकत आग लगाय||
सीख
दूध फटा
गम तो हुआ ,
कैसे पीयें चाय|
रसगुल्ला
बनवायके ,घर घर दियो बँटाय ||
तना तना इठलात
है,पल में दिया उखाड़|
जो डाली झुक जात
है, खड़ी रहत है ठाँड़||
उमाशंकर मिश्रा
सभी दोहे बहुत सुंदर लगे,,,,
जवाब देंहटाएंrecent post...: अपने साये में जीने दो.
उच्च-कोटि के दोहरे, तरह तरह के स्वाद ।
जवाब देंहटाएंभ्रात उमा स्वीकारिये, देता रविकर दाद ।।
बढ़िया दोहे,मोहे मोहे !
जवाब देंहटाएंउपयोगी दोहे!
जवाब देंहटाएंठेस
जवाब देंहटाएंजिन की ख़ातिर मैं मरा, मिले उन्हीं से शूल |
चन्दन अपने पास रख, मुझ को दिये बबूल ||
गर्व सदा जिन पर किया ,धन माया को जोड़|
वे ही कांधे पर तुझे , आये मरघट छोड़||
उम्मीद
पिया मिलन की आश में, मन ज्वाला बरसाय|
पल पल बीता जा रहा, उमर न ढहती जाय(||उमरिया ढहती जाय ....)
सौंदर्य
लरजत फरकत होंठ हैं ,तिरछी नजर कटार|
ओंठ दाँत से चाबती, गाल हुवे अंगार||
आश्चर्य
संसद पारित हो गई,ऐसी ही तरकीब|
दौलत अपनी बाँट के, नेता हुए गरीब||
हास्य व्यंग्य
इम्तहान की कापियाँ ,ली गइयन ने खाय|
गुरुजी गोबर देखकर , नम्बर रहा बनाय ||(लगाय )
विरोधाभास
गरम चाय को फूंक लो, ठंडी वो हो जाय|
धुँवा परत अंगार को, फूंकत आग लगाय||
सीख
दूध फटा गम तो हुआ , कैसे पीयें चाय|
रसगुल्ला बनवायके ,घर घर दियो बँटाय ||
तना तना इठलात है,पल में दिया उखाड़|
जो डाली झुक जात है, खड़ी रहत है ठाँड़||दो अलग अलग क्रियाएं हैं यहाँ तने का तना होना और डाली का झुकना ,भाव का निर्वाह यहाँ ठीक से नहीं हुआ है .
बढ़िया मनोहारी छटा मनो -भावों की बिखेरते उकेरते कैप्सूल्स से दोहे .बधाई .
आदरणीय वीरू भाई जी तना तना इठलात है का तात्पर्य १ इंसान की हेकड़ी से है दूसरा अर्थ यह भी है की जो तना ..अकड़ में रहता है याने तना हुवा रहता है
जवाब देंहटाएंआपकी प्रतिक्रिया ने मन मोह लिया है
कनक कनक से सौ गुनी मादकता अधिकाय ,
जवाब देंहटाएंया पाय बौराए जग वा खाए बौराय .
कनक कनक से सौ गुनी मादकता अधिकाय ,
या पाय बौराए जग वा खाए बौराय .
यहाँ भी यमक ही है .कनक सोना /धतूरा /गेंहू